रैगर संस्कृति की जीवन शैली में रिशते. रैगर जाति में रिशते निभाने की बहुत अच्छी परम्परा है। ये रिशते ही रैगर संस्कृति के अभिन्न अंग है। इन रिशतों के आधार पर ही रैगर जाति हर प्रकार के अत्याचार सहते हुये भी युग युगो तक जीवित रही है। आज के इस आधुनिक युग में भी रैगर जाति में आपसी रिशतेदारी निभाई जाती है। रैगर जाति के लोग राजस्थान से निकल कर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, मघ्य प्रदेश और भारत के कई भागो में जाकर बस गये है परन्तु इन में अपनी जाति के प्रति अभी भी प्यार मौजुद है। रैगर संस्कृति में कुछ रिशतों की मुख्य विशेषतायें निम्नलिखित प्रकार से है:-
157/1, Mayur Colony,
Sanjeet Naka, Mandsaur
Madhya Pradesh 458001
+91-999-333-8909
[email protected]
Mon – Sun
9:00A.M. – 9:00P.M.