[vc_row type=”in_container” full_screen_row_position=”middle” scene_position=”center” text_color=”dark” text_align=”left” overlay_strength=”0.3″][vc_column column_padding=”no-extra-padding” column_padding_position=”all” background_color_opacity=”1″ background_hover_color_opacity=”1″ column_shadow=”none” width=”1/1″ tablet_text_alignment=”default” phone_text_alignment=”default” column_border_width=”none” column_border_style=”solid”][vc_text_separator title=” रैगर समाज के धार्मिक स्थल” css=”.vc_custom_1538550448110{margin-top: 20px !important;margin-bottom: 20px !important;}”][vc_column_text]
रैगर समाज में अनेकों धार्मिक स्थल हैं । अधिकांश जगह जहाँ रैगर समाज निवास करता है वहाँ आपको गंगा माता का मन्दिर जरूर मौजूद है । रैगर हमेशा से गंगा माता के उपासक रहे हैं । भैराजी सवांसिया ने लगभग 450 वर्ष पूर्व पहले खौड, टावाली, बुसी तथा दर्जनों की मडली में 5 ऐतिहासिक मंदिरों का निर्माण करवाया था जो आज भी मौजूद हैं । नानकजी जाटोलिया ने भी सोयला में गुसाईंजी का प्रसिद्ध मंदिर बनवाया था जो लगभग 350 वर्ष पूराना है और आज भी मौजूद है । गुसाईं बाबा सन्त पीताम्बर महाराज की समाधि तथा कुआ आज से लगभग 300 साल पुराना फागी में बना हुआ आज भी मौजूद है । भक्त श्री लूणादास जेलिया द्वारा आज से लगभग 225 वर्षों पूर्व मल्हारगढ़ जिला मंदसौर में स्थित बाबा रामदेव (रूणिचा वाले) का चमत्कारी मंदिर व कुआ आज भी मौजूद है और यही पर भक्त लूणादास महाराज ने बाबा के आदेश पर जीवित समाधि ली । तीर्थराज पुष्कर का प्रसिद्ध गऊघाट बद्री बाकोलिया निवासी गुन्दी (जयपुर) द्वारा सम्वत् 989 में बनवाया जाना उल्लेखनीय है । त्रिवेणी मंदिर साईंवाड़, गंगामाता का मंदिर ब्यावर, जीवा कंवर का मंदिर मांजी आदि ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से बड़े महत्वपूर्ण हैं । श्री रामजन मंदिर दिल्ली, श्री विष्णु मंदिर (करोलबाग-दिल्ली), श्री बाबा रामदेव मंदिर (बीडन पुरा-दिल्ली), श्री शिव मंदिर (रतिया वाली प्याऊ : देवनगर-दिल्ली), श्री शीतलामाता मंदिर (करोलबाग-दिल्ली), श्री बाबा रामदेव मंदिर (डबवाली : सिरसा-हरियाणा), श्री गंगा मंदिर (रैगर पुरा – दिल्ली) भी अच्छे धार्मिक संस्थान हैं । धानेश्वर महादेव त्रिवेणी संगम पर रैगर जाति का एक विशाल गंगामाता का मंदिर है । यह त्रिवेणी संगम ग्राम फूलिया कलां जिला भीलवाड़ा में स्थित है । इसके निर्माण में अभी तक लाखों रूपये खर्च हो चुके हैं । इसी तरह मातृ कुण्डिया तीर्थ स्थान जो चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है वहाँ भी रैगरों का गंगामाता का भव्य मंदिर है । यह मंदिर पूरी तरह संगमरमर का है । स्वामी श्री गोपालरामजी ने बड़ली (नागौर) में तथा स्वामी श्री रामानन्दजी ने पीपाड़ में भव्य आश्रमों का निर्माण करवाया है जो इस जाति के गौरवपूर्ण धार्मिक संस्थान है । डबवाली का बाबा रामदेव जी का मंदिर जिसकी मिसाल पूरे हरियाणा में दी जाती है । इस तरह गांव-गांव एवं शहर-शहर में रैगरों के मौहल्लों में गंगामाता के मंदिर है । एवमं साथ ही साथ बाबा रामदेवजी के मंदिर भी गांव-गांव में देखने को मिलते है । यह हमारे रैगर समाज के लिए गौरव की बात है ।
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