दिनांक 1 अगस्त 1964 ई. को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय रैगर महासभा की कार्यकारिणी समिति की एक बैठक गंगा मन्दिर रैगरपुरा, दिल्ली में चौ. कन्हैयालाल रातावाल की अध्यक्षता में हुई । संयोगवश श्री सूर्यमल मौर्य (ब्यावर) भी इस बैठक में उपस्थित थे और उन्होंने कहा कि विधान, आय-व्यय और कार्य-विवरण को अखिल भारतीय कार्यकारिणी की पूरी बैठक में ही पारित किया जाए । अत: दिनांक 16 व 17 अगस्त 1964 को अखिल भारतीय रैगर महासभा की पूरी कार्यकारिणी समिति की बैठक बुलाने का निश्चय किया गया ।
अत: दिनांक 16 व 17 अगस्त 1964 को अखिल भारतीय रैगर महासभा की कार्यकारिणी समिति की बैठक दिल्ली में चौ. कन्हेयालाल रातावाल की अध्यक्षता में हुई । दिल्ली स्थित कार्यकारिणी सदस्यों के अतिरिक्त सर्व श्री लालाराम कुरड़िया बम्बई, श्री लालाराम जलूथरिया जयपुर, श्री महादेव कानखेड़िया दौसा, श्री सूर्यमल मौर्य ब्यावर, श्री नारायण जी आलोरिया फुलेरा, श्री छोगालाल जी कँवरिया अजमेर, श्री चमनलाल जी खटनावलिया ब्यावर सात सदस्य बाहर से पधारे । अत: कुल 18 सदस्यों ने पूर्ण प्रेषित ऐजेण्डे के 6 विषयों पर विचार विमर्श में भाग लिया ।
आय-व्यय
श्री शम्भुदयाल जी गाडेगावलिया, कोषाध्यक्ष ने भूतपूर्व कोषाध्यक्ष, स्वर्गीय श्री रामस्वरूप जी जाजोरिया द्वारा वर्णित विगत 18 वर्ष (1961 तक) एवं पश्चात् 1961-64 तक का आय व्यय विवरण देखिए लेख परिशिष्ट पर अंकित प्रस्तुत है जो सर्वसम्मति से पारित किया गया ।
कार्य-विवरण
कार्य-विवरण प्रस्तुत किया । सर्वसम्मति से श्री बिहारीलाल जागृत के संयोजकत्व में 9 सदस्यों की ”कार्य-विवरण समिति” निर्वाचित की गई और निश्चय किया गया कि प्रतिवेदन दिल्ली स्थित महासभा सदस्यों की कार्यकारिणी द्वारा पारित करा कर तत्काल छपवा दें ।
निर्वाचन
जयपुर महासम्मेलन 1946, के पश्चात से महासभा का निर्वाचन नहीं हुआ । इस दीर्घकाल में पदाधिकारियों ने यथाशक्ति कार्य किया किन्तु अब सभी सदस्यों ने इसे आवश्यक समझा कि महासभा का चुनाव होना चाहिए । उपस्थित सभी सदस्यों ने इस विचार विषय सका समर्थन और पुष्टि में अपने विचार रखे । महासभा अध्यक्ष श्री चौ. कन्हैयालाल रातावाल ने भी महासभा के चुनाव को आवश्यक समझा और कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा है कि अब इस कार्यभार को किसी अन्य योग्य एवं समर्थ व्यक्ति के कन्धों पर रखा जाय । किन्तु चुनाव से पूर्व अखिल भारतीय रैगर महासम्मेलन का निश्चय किया जाय ।
अत: चुनाव और सम्मेलन के विषय में एक साथ ही विचार हुआ और सर्वसम्मति से पुष्कर मेले के शुभावसर पर सम्मेलन करने का निश्चय किया गया ।
श्री भोलाराम तौणगरिया ने प्रधान पद के लिए श्री नवल प्रभाकर जाजोरिया संसद सदस्य का नाम प्रस्तुत किया । अन्य कोई नाम न आने के कारण श्री नवल प्रभाकर सर्वसम्मति से प्रधान निर्विरोध निर्वाचित हुए । सभी सभासदों ने नवनिर्वाचित प्रधान का स्वागत किया एवं श्री चौ. कन्हेयालाल रातावाल के विगत कार्यों की सभी ने मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की । श्री कन्हेयालाल रातावाल ने पूर्ववत् ही अपना सहयोग देते रहने का आश्वासन दिया ।
विधान सम्पुष्टि
विधान की सम्पुष्टि के लिए निश्चय किया गया कि विधान को पुन: संशोधित किया जाए और सम्मेलन में सम्पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया जाए ।
रैगर समाज के आर्थिक उत्थान और देशव्यापी संगठन पर सभी वक्ताओं ने विचार प्रस्तुत किए, किन्तु कोई कार्यक्रम पारित नहीं हुआ । भावी सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी सभासदों ने सहयोग देने का आश्वासन दिया और हर प्रान्त से धन एकत्रित करने पर जोर दिया ।
(साभार- अखिल भारतीय रैगर महासभा संक्षिप्त कार्य विवरण पत्रिका : 1945-1964)
157/1, Mayur Colony,
Sanjeet Naka, Mandsaur
Madhya Pradesh 458001
+91-999-333-8909
[email protected]
Mon – Sun
9:00A.M. – 9:00P.M.