शिव मन्दिर – करोलबाग

करोलबाग क्षेत्र के इस प्राचीनतम मन्दिर की स्‍थापना 5 अक्‍टूबर 1897 तदानुसार आश्विन शुक्‍ला दशमी 1954 विक्रम सम्‍वत् (विजय दशमी) को हुई थी तथा इसी समय पेयजल हेतु एक पक्‍के कुएं का भी निर्माण करवाया गया था तभी से इसका मंदिर के नाम के साथ श्री शिव मन्दिर : रतिया वाली प्‍याऊ कहा जाता है ।

रैगर पुरा के बसने के पश्चयात् ही सन् 1910 से सन् 1914 तक रैगर पुरा एवं बीड़न पुरा इसके पश्चयात् सन् 1936 में देवनगर के रैगर बन्‍धुओं भी इसका प्रयोग करते रहे है । रैगर जाति ने विशेष कार्यक्रमों एवं सकल पंचायतों का आयोजन करने के उद्देश्‍य से एक खुला एवं एकांत स्‍थान के रूप में इसका चयन किया गया । इस मंदिर का क्षेत्रफल पहले 10000 वर्ग गज भूमि पर फैला था किन्‍तु ब्रिटिश प्रशासन काल में इस स्‍थान पर कब्‍जा करने के प्रयास किये जाने लगे और अन्‍तत: 3600 वर्ग गज भूमि पर ही मन्दिर का अधिकार शेष रह गया ।

प्रारम्‍भ से ही यह मंदिर पर रैगर समाज की गतिविधियों का विशेष केन्‍द्र रहा है । मंदिर के निर्माण के बाद से ही यहां पर रैगर समाज द्वारा विभिन्‍न सांस्‍कृतिक कार्यक्रम जैसे महाशिवरात्री, जन्‍माष्‍टमी, शीतला माता पूजन व हरियाली तीज आदि महोत्‍सवों का आयोजन हर वर्ष अत्‍यंत उत्‍साह पूर्वक होता आ रहा है । रैगर समाज की विशाल सकल पंचायतों, विशेष समारहों एवं बैठकों का आयोजन भी इस स्‍थान पर मंदिर स्‍थापना के समय से ही होता आ रहा है । इन आयोजनों के साथ-साथ प्रतिवर्ष सावन में दिल्‍ली प्रान्‍तीय रैगर स्‍वयं सेवक मण्‍डल द्वारा ”तीज” त्‍यौहार का आयोजन भी किया जाता है जो वास्‍तव में एक राजस्‍थानी मेले के समान दृष्टिगोचर सा प्रतित होता है ।

स्‍व. श्री नवल प्रभाकर (भू.पू. संसद सदस्‍य) के प्रयास से 1956 में मन्दिर के साथ ही जब राजकीय उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय खोला गया । यहां के श्रृद्धालु भक्‍तों के सहयोग से स्‍व. बाबा भजन गिरि की स्‍मृति में कृष्‍ण मन्दिर का निर्माण भी कराया गया । श्री शिव मन्दिर की में पूजा-अर्चना श्री श्री 108 स्‍वामी भजन गिरि जी महाराज ने मरण-पर्यन्‍त इसका प्रबन्‍धन दिल्‍ली प्रान्‍तीय रैगर मन्दिर प्रबंधक कमेटी (पंजीकृत) द्वारा किया जाता रहा है ।

दिल्‍ली प्रान्‍तीय रैगर मन्दिर प्रबन्‍धक कमेटी (पंजी.) की देखरेख में अप्रेल 2010 को शिव मन्दिर के पुर्ननिर्माण की नींव रखी गई । 2 वर्षों तक चले निर्माण कार्य चला । 22 जून 2012 को निर्माण कार्य पूर्ण हुआ और एक भव्‍य मन्दिर का निर्माण हुआ ।

शिव मन्दिर के बिल्‍कुल पीछे रैगर चौपाल का निर्माण दिल्‍ली सरकार द्वारा कराया गया । इसके रैगर चौपाल को बनवाने में मौती लाल बौकोलिया तत्‍कालिन विधायक का विशेष यौगदान रहा है आपके अथक प्रयासों से रैगर समाज का यह सपना साकार हुआ । इसके निर्माण कार्य में लगभग 45 – 50 लाख रूपये का खर्च हुआ और सम्‍पूर्ण खर्च दिल्‍ली सरकार के द्वारा वहन किया गया । रैगर चौपाल का शिलान्‍यास सन् 2004 में समाज विकास मंत्री राज कुमार चौहान के कर कमलों से हुआ । 2005 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ और दिल्‍ली की मुख्‍य मंत्री शिला दिक्षित के कर कमलों से इसका उद्घाटन किया गया । एक वर्ष तक चले निमार्ण कार्य की देखरेख श्री ज्ञानचन्‍द खजोतिया जी ने की ।

रैगर चौपाल रैगर समाज के बन्‍धुओं के घर में होने वाले कार्यक्रमों जैसे शादी ब्‍याह, सगाई, समारोह आदि के कार्यों के लिए समाज के बन्‍धुओं को बहुत ही कम शुल्‍क पर मुहया कराया जाता है ।

श्री शिव मंदिर 
रतिया वाली प्‍याऊ, देव नगर, करोल बाग, नई दिल्‍ली 110005

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