स्वामी प्रेमदास जी

स्‍वामी श्री प्रेमदास जी महाराज

श्री प्रेमदास जी महाराज का जन्‍म ईस्‍वी सम्‍वत् 1861 में हुआ । किशोरावस्‍था में ही बाबा रामदेव जी अटूट सेवा भक्ति की व राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या 8 के समीप ब्‍यावर से 20 किलोमीटर दक्षिण की ओर उनके जीवित समाधी लेने से पूर्व अच्‍छे संस्‍कार डालने की शिक्षा दी । ऐसी मान्‍यता है कि रामदेवजी ने उन्‍हे साक्षात दर्शन दिए और नेक चलनी का संदेश भी दिया । ईस्‍वी संवत् 31 अगस्‍त, 181 भादव बूदी तेरस का ग्राम सुरजपुरा ब्‍यावर में जीवित समाधी ली । इनके ठीक तीन दिन पश्‍चात् निकटवृर्ती ग्रामवासियों को दर्शन देने के बाद ही लोग उन्‍हें प्रतिष्ठित पुरूष मानकर उनकी पूजा करने लगे । जिनकी आरती राजस्‍थान के बाहर भी सत्‍संग में गाई जाती है ।

(साभार – रैगर गरिमा)

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