बौली – श्रीनगर काण्ड

बौली – श्रीनगर काण्‍ड : 1959

1959 ई. श्रीनगर (अजमेर) से लौटते समय अखिल भारतीय रैगर महासभा के सदस्‍य श्री बिहारीलाल जागृत और साथ में दयाराम जलूथरिया को जयपुर में बोली ग्राम के कर्मठ कार्यकर्ता श्री रामनाथ जी से मिले, जिनसे रैगर बन्‍धुओं की विपत्ति का पता चला । अत: महासभा के प्रतिनिधि घटनास्‍थल पर पहुँचे एवं श्री जगन्‍नाथ पहाड़िया सदस्‍य लोकसभा को स्‍थल के राज्‍य अधिकारियों से मिलकर रैगर बन्‍धुओं व स्‍वर्णों में समझौता करवाया ।

(साभार – रैगर कौन और क्‍या ?)

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