श्री गंगा राम जी पीपाड़ के रहने वाले थे । बाद में उदयपुर में जाकर बस गये । उन्होंने शेर को मारा था । उदयपुर के राणा जी ने उनकी बहादूरी से प्रसन्न होकर अपने बराबर कुर्सी देकर उन्हें सम्मान प्रदान किया था ।
(साभार- चन्दनमल नवल कृत ‘रैगर जाति : इतिहास एवं संस्कृति’)
157/1, Mayur Colony,
Sanjeet Naka, Mandsaur
Madhya Pradesh 458001
+91-999-333-8909
[email protected]
Mon – Sun
9:00A.M. – 9:00P.M.