वेणाजी नरवर (किशनगढ़) के रहने वाले थे । सम्वत् 1925 में राजस्थान में भयंकर अकाल पड़ा । वेणाजी ने जाति , वर्ग तथा धर्म का भेद किये बिना गरीबों में आनाज, कपड़ा तथा पैसा बांटकर हजारों लोगों की जाने बचाई थी । वेणाजी दयालू ओर उदार हृदय के व्यक्ति थे ।
(साभार- चन्दनमल नवल कृत ‘रैगर जाति : इतिहास एवं संस्कृति’)
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