आर्य कन्या पाठशाला की स्थापना 13 जनवरी, 1929 (मकर संक्रान्ति) को स्व. महात्मा नारायण स्वामी जी के पवित्र कर कमलों द्वारा की गई । जिसमें आरम्भ में केवल पाँच छात्राएँ ही शिक्षा ग्रहण के लिए अग्रसर हुई ।
प्रारम्भ में पाठशाला का संचालन एक संस्था के द्वारा किया जाता था । इसके विधिवत संचालन के लिए आर्य कन्या पाठशाला (रैगरपुरा) ट्रस्ट का 1957 में पंजीकरण कराया गया ।
पाठशाला की स्थापना सर्वप्रथम बस्ती हरफूल सिंह, पहाड़ी धीरज पर प्राइमरी शिक्षण संस्था के रूप में हुई । सन् 1935-36 में यह 18/19, बीडनपुरा और फिर बैंक स्ट्रीट 24 बीडनपुरा, में मान्यता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय के रूप में किराए के भवन में स्थानान्तरित कर दिया गया । दानवीर स्व. श्री गोधाराम जी एवम् स्व. श्री कन्हैयालाल जी रातावाल द्वारा दान में दी गई 557 वर्ग गज भूमि पर वर्तमान पाठशाला भवन का शिलान्यास 7 जनवरी 1951 को स्व. श्री शंकर लाल जी द्वारा किया गया । 1 मई 1954 को इसे मिडिल स्कूल की मान्यता प्राप्त हुई । ट्रस्ट/पाठशाला के सतत् एवं अथक प्रयत्न से न केवल छात्राओं की संख्या में सतत् वृद्धि होती रही बल्कि सन् 1966 में इसे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की मान्यता भी प्राप्त हो गई तथा सन् 1987-88 में इसे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के रूप में मान्यता प्राप्त हुई । 19 कमरों से सुशोभित दो पालियों में इस विद्यालय में अब लगभग 800 छात्राएँ प्रथम कक्षा से बारहवीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त कर रही है । प्रात: छठी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक तथा सांयकाल में प्राथमिक कक्षाएँ चलती है ।
प्रतिवर्ष पाठशाला का वार्षिकोत्सव/स्थापना दिवस समारोह विद्यालय में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है । इस समारोह में समाज के समाज सेवियों, राजनीतिज्ञों, शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों आदि को आमन्त्रित किया जाता रहा है । इस दिवस पर पाठशाला की छात्राओं द्वारा रोचक, मनोरंजक एवम् शिक्षाप्रद सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि प्रस्तुत किए जाते है । दिनांक 20 फरवरी 2003 को पाठशाला की स्थापना के 75 वें वर्ष पर प्लेटिनम जयंती धूमधाम से मनाई गई, जिसमें विशिष्ठ अतिथि दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित द्वारा एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया । इस ‘स्मारिका’ में पाठशाला के इतिहास एवं वर्तमान का पूर्ण विवरण दिया गया है ।
विद्यालय की प्रबंधन समिति, प्रधानाचार्य एवं शिक्षिकाओं के आपसी सहयोग एवं सतत् प्रयास से पाठशाला प्रगति के पथ पर अग्रसर है । विगत वर्षों से विद्यालय का परीक्षा परिणाम अच्छा रहा है । पहली से बारहवीं कक्षा में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को विद्यालय के वार्षिकउत्सव पर पुरस्कृत किया जाता है ।
विद्यालय में अभिभावक शिक्षक संघ का गठन सन् 1969 में किया गया । इस संघ के गठन का उद्देश्य अभिभावकों तथा शिक्षकों के स्नेहमय सम्बंध एवं सहयोग को बढ़ाना है । जिससे माता-पिता तथा शिक्षक एक होकर छात्राओं का बौद्धिक, मानसिक व शारीरिक विकास उचित ढंग से कर सकें ।
विद्यालय का अभिभावक शिक्षा संघ बहुत ही सक्रिय रूप से पाठशाला की विभिन्न गतिविधियों में सहयोग देता है । छात्राओं के शैक्षणिक कार्यों में प्रगति एवं भवन की उचित व्यवस्था बनाये रखना, छात्राओं के स्वास्थय व साफ-सफाई । छात्राओं की वर्दी आदि का चयन भी पी.टी.ए. की बैठक में अभिभावकों की सर्वसहमति से लिया । छात्राओं की नई वर्दी आगामी सत्र 2012-13 से लागू होगी । इसका मुख्य कार्य-क्षेत्र शिक्षिकाओं व अभिभावकों के बीच सद्भावना बनाए रखना है । समय-समय पर पी.टी.ए. कार्यकारिणी के सदस्यों का निर्वाचन होता है ।
1. भाषण प्रतियोगिता (प्रयास)
इसी संदर्भ में वर्ष 2006-07 से विद्यालय में भाषण प्रतियोंगिता ”प्रयास” प्रारंभ किया गया । इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा सांत्वना पुरस्कार द्वारा छात्राओं को पुरस्कृत किया जाता है इसका आयोजन श्री राम चन्द्र खोरवाल मेमोरियल ट्रस्ट के अन्तर्गत किया जाता है ।
2. शत प्रतिशत उपस्थिति
विद्यालय में प्रतिदिन आने वाली छात्रा, जिसकी उपस्थिति सत्र के अंत तक शत-प्रतिशत हो, ऐसी छात्रा को विद्यालय के वार्षिकोत्सव पर ‘प्रशस्ति-पत्र’ द्वारा सम्मानित किया जाता है । यह गतिविधि प्रतिवर्ष जारी रहेगी ।
3. सर्वोत्कृष्ट छात्रा
विद्यालय अनुशासन, युनिफार्म तथा पढ़ाई में श्रेष्ठ रहने वाली छात्रा को वर्ष की सर्वोत्कृष्ट छात्रा का पुरस्कार दिया जाता है ।
4. पल्स पोलियो कार्यक्रम
भारत से पोलियो का उन्मूलन करने का कार्यक्रम पल्स पोलियो टीकाकरण 1995 में शुरू हुआ । शिक्षा विभाग इस पावन कार्य के लिए अपना पूर्ण सहयोग दे रहा है । हमारे विद्यालय द्वारा इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्राओं की ”पल्स पोलिया सेवा” का गठन करके बच्चों के अभिभावकों तक पल्स पोलियो कार्यक्रम की जानकारी घर-घर पहुँचाने का पुनीत कार्य कर रही है । परिवार कल्याण निदेशालय, दिल्ली सरकार द्वारा इस सराहनीय कार्य के लिए छात्राओं को प्रमाण-पत्र भी दिए गए है ।
5. पटाखा विरोधी अभियान
निरंतर पर्यावरण के गिरते हुए स्तर को रोकने के लिए विद्यालय में पर्यावरण विभाग, दिल्ली सरकार की सहायता से वर्ष 1999 में ईको क्लब की स्थापना की गई । प्रति वर्ष दीपावली से पूर्व छात्राओं द्वारा अध्यापिकाओं के निर्देशन में ”पटाखा विरोधी अभियान” के अंतर्गत रैगरपुरा बस्ती में ‘प्रभात फेरी’ निकाली जाती है । जिसका उद्देश्य पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बताने के लिए लोगों से अपील करना है ।
6. वन महोत्सव
विद्यालय में प्रतिवर्ष ”वन महोत्सव” मनाया जाता है, जिसमें नए पौधों का आरोपण करके विद्यालय के वातावरण को हरितमय, सुगंधित व स्वास्थयवर्धक बनाया जाता है ।
7. ‘पारा’ से बचाव
‘पारा’ Mercury पर्यावरण तथा स्वास्थय के लिए अत्यधिक हानिकारक है । इसके बचाव के लिए दो विशेषज्ञ बुलाए गए जिसमें छात्राओं को ‘पारे’ के द्वारा होने वाली हानियों के प्रति सजग किया गया ।
8. मच्छर मारने की दवाईयों का छिड़काव
प्रतिमाह विद्यालय में मच्छर मारने की दवाईयों का छिड़काव कराया जाता है, जिससे डेंगू, मलेरिया आदि घातक बीमारियों से छात्राओं का बचाव हो सके ।
9. आपदाओं से बचाव के उपाय
विद्यालय में छात्राओं को किसी भी प्रकार की प्राकृतिक व मानवीय आपदा आने पर उससे बचाव के लिए एक बड़ा सायरन लगवाया गया, जिसकी आवाज सुनकर छात्राएँ सचेत हो जाएँ । प्रथम तल पर दूसरी ओर नई सीढ़ियों का निर्माण करवाया गया तथा आपदा आने पर सीढ़ियों से कैसे उतरना है, इसकी भी ट्रेनिंग समय-समय पर दी जाती है ।
10. लाड़ली योजना
विद्यालय की प्रथम, छठी, नवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा की छात्राओं को गत चार वर्षों से ‘लाड़ली योजना’ के अंतर्गत पंजीकृत किया गया है । जिससे 18 वर्ष की आयु होने पर छात्रा लाड़ली योजना की राशि से लाभांवित हो सके ।
11. मिड डे मील (अल्पाहार योजना)
विद्यालय में प्रथम कक्षा से आठवीं कक्षा तक की छात्राओं को अल्पाहार देने की योजना पिछले तीन वर्षों से चल रही है ।
12. स्वास्थ्य जाँच एवं बीमारियों के प्रति सचेतना
रामकृष्ण मिशन संस्था द्वारा छात्राओं को एड्स तथा टी.बी. जैसी भयानक बीमारियों के प्रति जागरूक किया जाता है । विद्यालय में सभी छात्राओं की समय-समय पर अच्छे डॉक्टरों द्वारा स्वास्थय जाँच की जाती है । जैसे आँखों की जाँच, भार एवं लम्बाई ज्ञात करना आदि । किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर उन्हें उपचार संबंधी दवाएं, विटामिन एवं आयरन की गोलियां दी जाती हैं और प्रत्येक वर्ष छात्राओं को टिटनेस के टीक भी लगाए जाते हैं ।
समय-समय पर छात्राओं को टी.बी. व एड्स जैसी बीमारियों से अवगत कराने के लिए उन्हें विद्यालय में प्रोजेक्टर द्वारा फिल्म आदि भी दिखाई जाती है । टी.बी. की बीमारी की जानकारी को बढ़ावा देने के लिए रामाकृष्ण मिशन की ओर से इंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई तथा छात्राओं को पुरस्कार दिए गए ।
13. किशोरावस्था शिक्षा
विद्यालय में छात्राओं को किशोरावस्था शिक्षा देने के लिए प्रोजेक्टर द्वारा फिल्म भी दिखाई गई । जो छात्राओं को किशोरावस्था में होने वाले मानसिक एवं शारीरिक परिवर्तनों के विषय में जागरूक करती है तथा इन समस्याओं से अवगत कराती है ।
14. वित्तीय सहायता
विद्यालय की छात्राओं को अनेक प्रकार की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है । जिनका विवरण इस प्रकार है :-
अ. मेधावी छात्रवृत्ती (केवल अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति के लिए लिए) ।
ब. वर्दी व किताबों की राशि (I-XII) सभी छात्राओं के लिए ।
स. पछन सामग्री (Stationary) की राशि (IV-XII) केवल अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन जाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / अल्पसंख्यक के लिए ।
15. IXth तथा Xth में ग्रेडिंग
शिक्षा विभाग के आदेशानुसार सत्र 2009-10 से ग्रेडिंग सिस्टम लागू हुआ है, जिसके अंतर्गत IXth तथा Xth में अनेक गतिविधियां प्रारम्भ की गई है । जिनके आधार पर छात्राओं को ग्रेड दिए जाएंगे जैसे – योगा, श्रमदान, छात्राओं का अध्यापिका व सहपाठियों के साथ व्यवहार, Work Experience, Art Education, शारीरिक शिक्षा आदि गत वर्षों से IXth कक्षा की छात्राओं को विद्यालय द्वारा Incentive भी दी जा रही है ।
16. चित्रकला प्रतियोगिता
Camlin की ओर से एक चित्रकला प्रतियोगिता करवाई गई । जिसमें छात्राओं को Ist, IInd, IIIrd आदि पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया ।
17. शैक्षिक स्तर
सत्र 2010-11 में दसवीं व बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा का परिणाम सभी विषयों में शत-प्रतिशत रहा । इसके लिए विद्यालय की प्रबंधन समिति, प्रधानाचार्य, अध्यापिकाएं हार्दिक बधाई की पात्र हैं ।
आर्य कन्या उच्चतम माध्यमिक विद्यालय से शिक्षा ग्रहण करके अनेक छात्राएं उच्च पदों पर आसीन हुई हैं । जहाँ एक ओर श्रीमती सुन्दरवती नवल प्रभाकर वर्षों तक महानगर पार्षद एवं संसद सदस्य बनीं, वहीं डॉ. अनिता आर्य करोल बाग की भूतपूर्व लोकसभा सांसद भी इस विद्यालय की छात्रा रहीं तथा श्रीमती मीरा कंवरिया ने दिल्ली के महापौर पद की शोभा बढ़ाई है । तो दूसरी ओर इसी विद्यालय से शिक्षा प्राप्त करन के बाद श्रीमती शकुंतला पवाड़िया ने आर्य कन्या उच्चतम माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य के पद का कार्यभार संभाला । इस विद्यालय की भूतपूर्व मुख्याध्यापिका श्रीमती मीना चांदोलिया, श्रीमती कृष्णा कुमारी ने भी इसी विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी । भूतपूर्व छात्रा श्रीमती वीना आर्य कन्या पाठशाला के मुख्य अध्यापिका के पद की गरिमा को बनाए हुए है ।
पाठशाला को सुचारू रूप से चलाने के लिये जहाँ निदेशालय से ग्रान्ट प्राप्त होती है, वहीं आर्य कन्या पाठशाला ट्रस्ट रैगरपुरा को लगभग रूपये 25,000/- (पच्चिस हजार) रूपये प्रमिमाह, अंशदान करना होता है । इसके अतिरिक्त आकस्मिक निधि जिसमें बिजली, पानी का खर्च होता है के लिए लगभग पाँच हजार रूपये प्रतिमाह भी ट्रस्ट खर्च कर रहा है । यह सब समाज के दान दाताओं व छात्राओं के अभिभावकों के द्वारा भी समय-समय पर योगदान देने से ही संभव हो रहा है।
1. श्री जय प्रकाश रातावाल
2. श्री योगेन्द्र रातावाल
3. श्री देवेन्द्र कुमार धूड़िया
4. श्री रामस्वरूप सोनवाल
5. श्री विजय तोणगरिया
6. श्री नरात्तम चन्द्र शेरसिया
7. श्रीमती राधा भारद्वाज
8. श्रीमती तनुजा बड़ोलिया (इंचार्ज)
9. श्रीमती बीना बन्दरवाल (मुख्य अध्यापिका)
सदस्य :- श्री मदन चान्दोयिला, श्री राजेन्द्र नाथ चान्दोलिया, श्री सुरेन्द्र कुमार सबलानिया, श्री नरेन्द्र कुमार कुरड़िया, डॉ. प्रेम राज शेरसिया, श्री धर्मपाल शेरसिया, श्री अशोक सक्करवाल, श्री हेमन्त कुमार मौर्या, श्री तीरथ राम बडोलिया, श्री गणपत राय मोहनपुरिया, श्री धर्मपाल अंकरणिया, श्री लाजपत राय कानखेड़िया, श्री जगदीश मौर्या, श्री नवल किशोर खोरवाल, श्री यतेन्द्र मोहनपुरिया, श्री विजय खटूमरिया, श्री ओम प्रकाश तोणगरिया ।
(साभार- 80 वें स्थापना दिवस समारोह 2009 पर विमोचित स्मारिका)
157/1, Mayur Colony,
Sanjeet Naka, Mandsaur
Madhya Pradesh 458001
+91-999-333-8909
[email protected]
Mon – Sun
9:00A.M. – 9:00P.M.