भारत में सबसे ज्यादा रैगर बंधु राजस्थान में निवास करते है । चित्तौड़गढ़ मेवाड़ की राजधानी के सामन है मेवाड़ क्षेत्र में रैगरों की बंधुओं की घनी आबादी है यहां पर लगभग प्रत्येक गांव में रैगरों के मोहल्ले है मध्यप्रदेश में का नीमच जिला जहां पर मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा रैगर निवास करते है वो भी चित्तौड़गढ़ निकट ही स्थित है मेंवाड़ क्षेत्र में रैगर समाज का कोई छात्रावास नहीं होने के कारण रैगर समाज के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास की आवश्यकता काफी लम्बे समय से महसूस की जा रही थी । ओर यह सपना साकार हुआ । इस दिशा में दो दशक पूर्व प्रयास शुरू किये गये । सन् 1993-94 में मेवाड़ रैगर समाज सेवा समिति चित्तौड़गढ़ का गठन श्री कन्हैया लाल जी बाटोलिया, तत्कालीन प्रबन्धक विश्रान्ति गृह चित्तौड़गढ़ एवं सदस्यगणों के अथक प्रयासों से दिनांक 31.05.1993 को रजिस्ट्रशन हुआ । समिति के प्रथम अध्यक्ष श्री बालोटिया जी के कार्यकाल में संस्था का रजिस्ट्रशन हुआ एवं जिला मुख्यालय पर छात्रावास के निर्माण का लक्ष्य लेकर सम्पूर्ण जिले में कार्यरत कर्मचारी वर्ग का सर्वे एवं ब्लाक स्तर कमेटियों का गठन किया गया एवं कर्मचारी वर्ग से चन्दा वसुली हुई जो बैंक में एफ.डी. कर जमा कराई गई । चुंकि चित्तौड़गढ़ मेवाड़ की राजधानी के समान है । यह सभी क्षेत्रों के मध्य में स्थित है । चित्तौड़गढ़ के आस-पास के क्षेत्रों में रैगर समाज निवास करता है यहां से मालवा भी निकट पढ़ता है । मालवा क्षेत्र में मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा रैगर बन्धु निवास करते हैं । इसलिए चित्तौड़गढ़ में छात्रावास बनाने का निर्णय लिया गया । मगर सार्थक प्रयास सन् 2001 में प्रारंभ हुए । श्री अम्बालाल जी शेरसिया (07-05-2001 से अब तक (01-12-2011)) को अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया । उन्होंने व उनकी कार्यकारिणी के सदस्यों ने नये सिरे से जिला मुख्यालय पर जमीन आवंटन की प्रक्रिया नगरपालिका के माध्यम से राज्य सरकार के पास भिजवाई गई । इनके नेतृत्व में वर्ष 2006 में नगरपालिका के माध्यम से राज्य सरकार से छात्रावास के लिए 15,040 वर्ग फिट जमीन आवंटित हुई । जिसमें 9000 वर्ग फिट नि:शुल्क तथा 6,040 वर्ग फिट जमीन की कीमत रजिस्ट्री सहित 85,000.00 रूपये समाज को देने पड़े । छात्रावास को बनाने के चुनोति के साथ श्री शेरसिया जी एवं संस्था के समस्त पदाधिकारीगण एवं समानीत सदस्यगणो एवं दानदाताओं की प्रबल भावनानुसार दिनांक 08-02-2008 को रैगर रत्न श्री भंवर लाल जी नवल साहब के कर कमलों से समाज का विशाल सम्मेलन के माध्यम से शिलान्यास किया गया । इस सम्मेलन में श्री भंवर लाल जी नवल ने 10 लाख रूपये की राशि छात्रावास निर्माण के निर्माण हेतु सहयोग के रूप में देने की घोषणा की । तद्क्रम में सेठ साहब के ट्रस्टी श्री मिटठु लाल जी उच्चेनिया जी ने प्रथम किस्त के रूप में दिनांक 09-04-2008 को 3 लाख का चैक दिया । संस्थान ने इस राशि का उपयोग छात्रावास निर्माण करने के लिए स्थानीय ठेकेदारों से निविदायें आमन्त्रित करके श्री भंवर लाल जी जाटोलिया प्रबन्धक एस.बी.आई. चित्तौड़गढ़ के कर कमलों से खुलवाई गई थी । जिसमें सबसे कम दर 79.00 रूपये वर्ग फिट मजदुरी दर पर श्री सीताराम पुत्र श्री गोवर्धन लाल टोलिया निवासी चित्तौड़गढ़ की होने से स्वीकृत की गई तथा कार्य प्रारम्भ के आदेश दिये गये । श्री भंवर लाल जी जाटोलिया से भूमी पुजन कराने पर उन्होंने 21,111.00 रूपये सहयोग हेतु संस्था को छात्रावास निर्माण हेतु दिये । भूमी पुजन के उपरान्त नींव खुदवाई का शुभारम्भ श्री बाल चन्द जी मोहनपुरिया निवासी निम्बाहैड़ा के कर कमलों से कराने पर उन्होंने छात्रावास में एक कमरा बनवाने के लिये 1 लाख 50 हजार रूपये देने की घोषणा की गई । ज्यो-ज्यो छात्रावास का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ तो दानदाताओं के द्वारा भी काफी सहयोग प्रदान करके तन-मन एवं धन का पूर्ण सहयोग किया तथा पूर्व में जारी रसीदों की राशि भी वसुल की गई तथा चित्तौड़गढ़ जिले के अतिरिक्त उदयपुर, राजसमन्द, भीलवाड़ा, अजमेर वासियों के दानदाताओं ने भी भवन को देखकर सहयोग किया गया जैसे कि श्री मंगीलाल जी मौर्य (अधीक्षक अभियन्ता सार्वजनिक निर्माण विभाग) के द्वारा छात्रावास निर्माण के समय निरीक्षण हेतु बुलाने पर उन्होंने अपने पिताजी के नाम पर ट्युबवेल खुदवाने की घोषणा करके 51 हजार रूपये दिये जिससे ट्युबवेल मय मोटर लगवाई गई । संस्थान के निमयमानुसार जिन दानदाताओं ने 5,000.00 रूपये से अधिक की राशि प्रदान की है उनका छायाचित्र सभाभवन में नाम खुदवाने पर भी लगाया गया तथा जिन दानदाताओं एवं गांव के पंचों ने भी 1,000.00 रूपये से अधिक की राशि सहयोग हेतु दी गई । उनका नाम भी दानदाताओं के शिलालेख में खुदवाये गये जो समानीत मंच के सम्मुख है ।
छात्रावास के कमरों का निर्माण पूर्ण होने पर दिनांक 19.05.2010 को रैगर रत्न सेठ श्री भंवर लाल जी नवल (प्रवासी न्यूयार्क अमेरिका) के कर कमलों से समाज के सम्मेलन के माध्यम से उद्घाटन किया गया । इस सम्मेलन के दौरान श्री गोपीलाल जी कुरड़िया उद्योगपति अहम्दाबाद द्वारा एक कमरा निर्माण की राशि देने एवं सेठ साहब ने पांच लाख रूपये देने की घोषणा की गई । इनमें से प्राप्त सेठ साहब के 2 लाख रूपये एवं गोपी लाल जी कुरड़िया जी के 1 लाख रूपये एवं स्थानीय दानदाताओं से प्राप्त कर छात्रावास की बाउण्डरी वाल का निर्माण कराया गया । छात्रावास में पानी की पूर्ण व्यवस्था है व यह छात्रावास चित्तौड़गढ़ किले की सीमा रेखा के पास ही बना है । इस छात्रावास में 30×20 फिट का एक हॉल (सभा गृह) बना है, 13×20 फिट के 8 कमेरें बने हैं जिसमें हर कमरें मे 2 छात्रों के रूकने व्यवस्था हाल फिलाल की गई है एवम् कमरों के सामने 7 फिट की गेलरी छुटी हुई, पानी के लिए बोरवेल लगा है, लेट बाथ की अच्छी व्यवस्था है तथा छात्रावास के सामने गार्डन व साईकिल स्टेंड बनना प्रस्तावित है उस पर कार्य चल रहा है ।
संस्थान के अध्यक्ष श्री अम्बालाल जी शेरसिया एवं समस्त सम्मानीत सदस्यगणों एवं पदाधिकारियों के अथक प्रयास से जिला मुख्यालय चित्तौड़गढ़ में रैगर समाज के छात्रावास भवन का निर्माण हुआ । जिसमें बच्चे निवास कर उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे तथा समाज का चहुमुंखी विकास में सहयोग करेंगे ।
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