राजस्थान जटिया (रैगर) विकास सभा, जोधपुर में रैगर समाज के दो छात्रावास संचालित हो रहे हैं । दोनों छात्रावासों के संस्थापक परम पूज्य स्वामी ज्ञानस्वरूपजी महाराज, स्वामी रामानन्दजी महाराज तथा स्वामी गोपालरामजी महाराज है । स्वामी ज्ञानस्वरूपजी महाराज की समृति को स्थाई बनाने के लिए नागौरीगेट के अन्दर स्थित छात्रावास का नाम ‘श्री ज्ञानगंगा छात्रावास’ रखा गया । इसी तरह शेष दो संस्थापक महात्माओं की सेवाओं को चिर स्थाई बनाये रखने के लिए ‘स्वामी रामानन्द स्वामी गोपालराम शिक्षण संस्थान, जोधपुर’ नामकरण किया गया । श्री ज्ञानगंगा छात्रावास वर्ष 1964 से संचालित हो रहा है । वर्तमान में करीब 60 विद्यार्थी इस छात्रावास में रह रहे हैं । इसी तरह स्वामी रामानन्द स्वामी गोपालराम शिक्षण संस्थान खेतानाड़ी मण्डोर रोड़, जोधपुर में 45 छात्र सुविधाओं से लाभान्वित हो रहे हैं ।
स्वामी ज्ञानस्वरूपजी महाराज, स्वामी रामानन्दजी महाराज तथा स्वामी गोपालरामजी महाराज ने साठ के दशक में पश्चिमी राजस्थान के रैगर समाज के लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा की । इस दिशा में आगे बढ़ते हुए एक छात्रावास की आवश्यकता महसूस हुई । राजस्थान जटिया (रैगर) विकास सभा का पंजीयन दिनांक 31.07.1961 को करवा दिया गया था । इस संस्था ने नगर सुधार न्याय जोधपुर से छात्रावास हेतु 5 हजार वर्ग गज भूमि की मांग की । न्यास ने 5 हजार वर्ग गज भूमि आधी कीमत पर देने के लिए सिफारिश करते हुए पत्रावली स्वायत शासन विभाग, जयपुर को भेज दी । उस समय स्वायत शासन मंत्री श्री सम्पतरामजी थे । वे छात्रावास हेतु भूमि की मांग को देखकर बहुत खुश हुए और आश्वासन दिया कि यह भूमि संस्था को नि:शुल्क दिलाई जाएगी । उन्होंने भूमि नि:शु़ल्क दिलाने की स्वीकृति के लिए पत्रावली वित्त विभाग को भिजवा दी । अंत में 3 हजार वर्ग गज (150’x180′) भूमि नि:शुल्क देने की स्वीकृति दे दी गई । नियमानुसार आवंटन की तारीख से 1 वर्ष की अवधि में निर्माण करवाया जाना अनिवार्य था । इसलिए 12 दिसम्बर 1962 को राजस्थान विधान सभा के तात्कालीन अध्यक्ष श्री रामनिवास मिर्घा के कर कमलों से छात्रावास का शिलान्यास करवाया गया ।
खेतानाडी छात्रावास के सामने वाले 10 कमरों का ब्लॉक का शिलान्यास नगर विकास न्यास के तात्कालीन अध्यक्ष श्री मानसिंह देवड़ा के कर कमलों द्वारा दिनांक 04.08.1987 को संस्था के मंत्री श्री विष्णुकुमार मौर्य के कार्यकाल में हुआ । इसके पश्चात् संस्था के आपसी विवादों की वजह से यह निर्माण कार्य काफी लम्बे समय तक रूका रहा । वर्ष 1991 से 2000 तक श्री चन्दनमल नवल राजस्थान जटिया (रैगर) विकास सभा, जाधपुर के सर्व सम्मति से चुने हुए मंत्री रहे । उनकी सूझबूझ से संस्था के खेतानाडी भवन की देखरेख हुई और सम्पति को यथास्थिति में बनाये रखा गया । संस्था के अध्यक्ष स्वामी गोपालरामजी महाराज तथा मंत्री श्री चन्दनमल नवल के प्रयासों से सामाजिक मतभेदों को समाप्त करवाया गया और वर्ष 2000 में संस्था के पुन: चुनाव करवाए गए । छात्रावास के विकास में समाज के आम आदमी की रूचि रही है । इसलिए जनसहयोग से खेतानाडी छात्रावास में 25 कमरे बनकर तैयार हो गए । 7 जुलाई, 2002 को राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के कर कमलों से खेतानडी छात्रावास भवन का उद्घाटन हुआ । संस्था के संस्थापक स्वामी गोपालरामजी महाराज की महत्ती उपस्थिति में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि श्री छोगाराम बाकोलिया समाज कल्याण एवं महिला बाल विकास मंत्री, राजस्थान सरकार थे । अध्यक्षता दानवीर सेठ श्री भवंरलाल नवल प्रवासी अमेरिका ने की । श्री भंवरलाल नवल ने जोधपुर में आयोजित सामूहिक विवाह के अवसर पर दिनांक 27.02.2002 को खेतानाडी छात्रावास में सभा भवन के उद्घाटन के मौके पर दिनांक 7 जुलाई, 2002 को सभा भवन का शिलान्यास श्रीमती मनोहरीदेवी पत्नि स्व. हजारीमल नवल के कर कमलों से करवाया गया । खेतानाडी छात्रावास में दानवीर सेठ श्री भंवरलाल नवल ने रूपये 21 लाख की लागत से एक 40’x70′ का भव्य सभा भवन बनवाया । इस सभा भवन का नाम ‘नवल सभा भवन’ रखा गया । इस का उद्घाटन दिनांक 09.02.2005 को श्रीमती मनोहरीदेवी पत्नि स्व. हजारीमल नवल के कर कमलों से किया गया । उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि स्वामी गोपालरामजी महाराज तथा विशिष्ठ अतिथि सेठ श्री भंवरलाल नवल थे ।
दिनांक 08.07.2002 को खेतानाडी छात्रावास का नामकरण ‘ स्वामी रामानन्द स्वामी गोपालराम शिक्षण संस्थान, जोधपुर’ किया गया । जुलाई, 2002 में ही विद्यार्थियों को प्रवेश देकर छात्रावास शुरू कर दिया गया । यह छात्रावास रैगर समाज के त्याग संगठन, स्वाभीमान, प्रतिष्ठा तथा विकास का प्रतीक है ।
(साभार- चन्दनमल नवल कृत ‘रैगर जाति : इतिहास एवं संस्कृति’)
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