बाबा रामदेव मन्दिर- करोलबाग

रूणिचा के श्‍याम भगवान श्री बाबा रामदेव जी कलयुग के अवतार में रैगर समाज की असिम आस्‍था है । हजारों-लाखों रैगर बंधु हर वर्ष बाबा के दर्शन करने रामदेवरा जाते है । इसी आस्‍था व भाईचारे को देखते हुए । जब ब्रिटिश अधिकारी स्‍व. लॉर्ड बीडन साहब के अपने नाम से 1906 में बीडनपुरा को बसाने साथ ही श्री बाबा रामदेव मन्दिर का निर्माण भी प्रारम्‍भ हुआ । इस स्‍थान पर बहुत वर्षों तक एक विद्यालय में शिक्षक मास्‍टर पुरण चन्‍द जैन (बुढा मास्‍टर के नाम से प्रचलित) एवं शारीरिक शिक्षा केन्‍द्र : हनुमान अखाड़े का संचालन होता रहा । यह म‍ंदिर पहले 166 वर्ग गज में निर्मित था तत्पश्चयात् 1968 में भारत सरकार के निर्माण एवं आवास मंत्रालय से इसके साथ की 112 वर्ग गज भूमि जिसमें एक गहरा कुआ था खरीद कर पूरे 278 वर्ग गज का पुर्ननिर्माण स्‍व. चौधरी पद्मसिंह‍ सक्‍करवाल प्रधान दिल्‍ली प्रान्‍तीय मन्दिर प्रबन्‍धक कमेटी (पंजी.) के कर कमलों द्वारा दिनांक 2 मार्च 1975 को स्‍वामी ज्ञानस्‍वरूप जी महाराज के कर कमलों द्वारा नींव डालकर निर्माण कार्य का शुभारम्‍भ किया गया । दुर्भाग्‍यवश चौधरी पद्मसिंह सक्‍करवाल का कुछ दिनों पश्चयात् ही स्‍वर्गवास हो गया । कुछ दिनों पश्चात् ही तत्‍कालिन दिल्‍ली प्रान्‍तीय मन्दिर प्रबन्‍धक कमेटी के ट्रस्‍टी : श्री चौ. गौतम सिंह जी सक्‍करवाल (प्रधान), श्री शम्‍भु दयाल गाडेगाँवलिया (महामंत्री), श्री चन्‍द्र भान तौणगरिया (कोषाध्‍यक्ष), श्री खुशहाल चन्‍द्र मोहनपुरिया, श्री कंवर सेन मौर्य, श्री जीवन लाल बन्‍धु मौर्य, श्री कल्‍याण दास पीपलीवाल, श्री मोती लाल बोकोलिया, श्री भगवान दास खोरवाल, श्री किशन लाल कुरड़िया, श्री देवेन्‍द्र कुमार चान्‍दोलिया एवं अन्‍य महानुभावों के हृदय में पूर्वजों की प्रेरणा से एक नई शक्ति का संचार हुआ और निर्माण कार्य को निर्विध्‍न गति से प्रारम्‍भ रखने हेतु कन्‍धे से कन्‍धा मिलाकर प्रतिदिन प्रात: समाज के बन्‍धुओं के समक्ष चन्‍दा एकत्रित करने निकल पड़े । रैगर समाज ने आशानुकूल उदार हृदय से अपनी क्षमता से भी अधिक दान दिया, जिसके फलस्‍वरूप बाबा रामदेव मन्दिर का भूतल खण्‍ड निर्मित हुआ । जब छत का निर्माण हो रहा था तब प्रबंधक कमेटी के पास पैस की बहुत कमी आई परन्‍तु तत्‍कालिन प्रधान चौ. गौतमसिंह सक्‍करवाल जी ने ट्रस्‍ट की बैठक में वचन दिया कि यह कार्य अधुरा नहीं रहेगा अत: उधार के रूप में 9000/- रूपये अपने पास से खर्च करके मन्दिर की एक मंजिल पूरी की परन्‍तु कुछ ही समय पश्चयात् दान का पैसा पुन: इकट्ठा किया गया और उन्‍हे उनका रूपया भी वापस लौटा दिया गया । इसके पश्चात् सन् 1980 में जयपुर से बाबा रामदेव जी की 4 फिट ऊंची सुन्‍दर मूर्ति लाकर इसकी प्राण प्रतिष्‍ठा के साथ स्‍थापना की गई ।

पूर्व योजना के अनुसार मन्दिर के भू-तल पर 6 दुकानों का भी निर्माण किया गया । यह दुकानें वर्तमान में किराये पर दी हुई है और इसका किराया दिल्‍ली प्रान्‍तीय रैगर मन्दिर प्रबंधक कमेटी (पंजी.) के पास जमा होता है जो कमेटी के अंतर्गत आने वाले मन्दिर : श्री शिव मन्दिर – देवनगर, श्री गंगा मन्दिर – रैगर पुरा एवं श्री बाबा रामदेव मन्दिर – बीडन पुरा के रखरखाव व निर्माण के लिये खर्च किया जाता है ।

सन् 1996 में श्री शम्‍भु दयाल गाडेगांवलिया – महामंत्री जी ने श्री बाबा रामदेव मन्दिर संचालन समिति का गठन किया जिसमें मास्‍टर यादराम गुगडोदिया, श्री मनोहर लाल चांदोलिया, श्री भागीरथ परसोया, श्री यशवन्‍त राय जलूथरिया, श्री रघुबीर सिंह सिंघाडिया, श्री भीष्‍म कुमार जलूथरिया व अन्‍य साथियों के साथ चन्‍दा एकत्र कर भव्‍य पर्ननिर्माण करवाया । श्री बाबा रामदेव मन्दिर का पर्ननिर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चयात् 9 फरवरी सन् 1997 को बाबा रामदेव जी की देवमूर्ति प्राण प्रतिष्‍ठा महाभिषेक का आयोजन रखा गया । यह मूर्ति प्राण प्रतिष्‍ठा का कार्यक्रम स्‍वामी श्री गोपालराम जी महाराज (नागौर), स्‍वामी श्री गोविन्‍दानन्‍द शास्‍त्री जी (जोधपुर), स्‍वामी श्री हरिनारायण जी महाराज (नागौर) व साधवी बालकदास जी (जोधपुर, रामदेवरा) के सानिध्‍य में पूर्ण हुआ । इस शुभ अवसर पर भव्‍य शोभायात्रा का भी आयोजन किया गया ।

बाबा रामदेव जी के साथ ही मन्दिर में शिव जी – पार्वती जी, गणेश जी – लक्ष्‍मी जी – सरस्‍वती जी, राधा – कृष्‍ण जी, काली माता, वेष्‍णो देवी, साई बाबा, स्‍वामी ज्ञानस्‍वरूप जी महाराज व स्‍वामी आत्‍माराम जी लक्ष्‍य जी की मूर्ति की भी प्राण प्रतिष्‍ठा के साथ स्‍थापना की गई । श्री बाबा रामदेव मन्दिर पर प्रत्‍येक मास शुक्‍ल पक्ष की दशमी पर मेला भरता है ।

सन् 2000 में पूर्व योजना के अनुसार दिल्‍ली प्रान्‍तीय रैगर मन्दिर प्रबंधक कमेटी (पंजी.) के द्वारा निर्माण कार्य को आगे बढाते हुए पहली मंजिल पर दो हाल का निर्माण कराया गया । दुसरी मंजिल पर एक बड़े हाल 38 X 81 फिट का निर्माण कराया गया । तीसरी मंजिल पर 20 X 20 फिट का मन्दिर के पुजारी के रहने के लिए निवास स्‍थान बनाया गया व तीसरी मंजिल पर ही हलवाई के लिए 20 X 25 फिट का स्‍थान छोड़ा गया साथ ही 20 X 10 का एक स्‍टोर रूम व शौचालयों व स्‍नानाग्रह का निर्माण करवाया गया । सन् 2011 में दिल्‍ली प्रान्‍तीय रैगर प्रबंधक कमेटी (पंजी.) द्वारा बाबा रामदेव मन्दिर के फर्श का पुन: निर्माण करवाते हुए सगमरमर का फर्श मन्दिर में पुन: बनवाया गया।

मन्दिर की प्रथम मंजिल पर दिल्‍ली प्रान्‍तीय रैगर मन्दिर प्रबंधक कमेटी (पंजी.) के सहयोग से श्री बाबा रामदेव अवतरण उत्‍सव समिति (पंजी.) द्वारा अविवाहित रैगर युवक युवतियों के रिश्‍ते के लिए पंजियन शाखा का संचालन किया जाता है । जिसमें रिश्‍ते लिखे जाते है । इस पंजीयन शाखा द्वारा मन्दिर प्रबंधक कमेटी के सानिध्‍य में दिनांक 25 मार्च 2012 को प्रथम रैगर युवक-युवती परिचय सम्‍मेलन करवाया ।

श्री बाबा राम देव मन्दिर
3020, हरध्‍यान सिंह रोड़, बीडन पुरा, करोल बाग, नई दिल्‍ली – 110005

[साभार- श्री बाबा रामदेव अवतरण उत्‍सव समिति (पंजी.) : महासचिव – श्री यशवन्‍त राय जलूथरिया]

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