एक लाख से भी अधिक रैगर बन्धु मुम्बई में आबाद है । स्थानीय समस्याओं एवम् समाजिक उत्थान हेतु महाराष्ट्र रैगर महासभा का गठन किया गया था । यह सभा स्थानीय मतभेदों का निपटारा करती है । सामाजिक सुधार तथा उत्थान के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाती है । भारत में कहीं भी समाजिक एवम् सांस्क्रतिक कार्यों के लिए धन की जब भी आवश्यकता पड़ी, मुम्बई के रैगर बन्धुओं ने उदार हृदय से दान दिया है । रैगर समाज की विशाल धर्मशाल हरिद्वार तथा छात्रावासों के निर्माण में भी इस संगठन ने भरपूर आर्थिक सहायता दी है । श्री पूरणमल जाजोरिया, श्री पूर्णचन्द्र धोलखेड़िया, श्री भागमल फलवाड़िया, ज्योति जाजोरिया आदि ने महासभा के कार्यों में सक्रिय रूप से योगदान रहा है ।
(साभार- चन्दनमल नवल कृत रैगर जाति का इतिहास एवं संस्कृति)
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