समाज के छात्रावास

[vc_row type=”in_container” full_screen_row_position=”middle” scene_position=”center” text_color=”dark” text_align=”left” overlay_strength=”0.3″][vc_column column_padding=”no-extra-padding” column_padding_position=”all” background_color_opacity=”1″ background_hover_color_opacity=”1″ column_shadow=”none” width=”1/1″ tablet_text_alignment=”default” phone_text_alignment=”default” column_border_width=”none” column_border_style=”solid”][vc_text_separator title=”समाज के छात्रावास एवम् शिक्षण संस्‍थान” css=”.vc_custom_1538552988734{margin-top: 20px !important;margin-bottom: 20px !important;}”][vc_column_text]समाज के छात्रावास एवम् शिक्षण संस्‍थान उस समाज की शिक्षा के प्रति जागरूकता को प्रदर्शित करते हैं । आज हमारे समाज ने पहले के मुकाबले शिक्षा के क्षेत्र में काफी तरक्‍की कर ली है । समाज के लिए शिक्षा का महत्‍व समझते हुए स्‍वामी आत्‍माराम जी लक्ष्‍य ने यह सपना देखा था कि समाज में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए शहरों में छात्रावास होना अत्‍यंत आवश्‍यक है तभी रैगर जाति का शैक्षिणिक विकास सम्‍भव है । समाज के हजारों सजातीय बन्‍धु बड़े बड़े पदों पर नौकरी कर रहे है व समाज का गौरव बढ़ा रहे है । सामाजिक उन्‍नति के लिए शिक्षित होना अत्‍यंत आवश्‍यक है । अब गांवों-गांवों में भी शिक्षा के महत्‍व को देखते हुए कई युवक-युवतियां शिक्षा प्राप्‍त करने के लिए महानगरों की ओर अग्रसर हो रहे हैं । लेकिन महानगरों में रहना व शिक्षा ग्रहण करना अत्‍यंत महंगा है इसलिए समाज के बुद्धिजीवी एवं भामाशाहों ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आज अनेको बढ़े शहरों में धर्मशालाओं का निर्माण कराया जिसमें समाज कई बन्‍धुओं ने लाखों रूपये चन्‍दा भी दिया है और समाज के लिए लाखों करोड़ो रूपये की शहर के बीच में सम्‍पत्ति को खड़ा किया है जो हमारे समाज के लिए बड़े गौरव की बात है व समाज की प्रतिष्‍ठा का प्रतिक बनी है ।

रैगर समाज के छात्रावास अनेकों शहरों में मौजूद है । स्‍वामी आत्‍माराम जी लक्ष्‍य की स्‍मृति में बना रींगस छात्रावास एवं जोधपुर में ज्ञानगंगा छात्रावास व स्‍वामी रामानन्‍द स्‍वामी गोपालराम शिक्षण संस्‍थान शैक्षणिक क्षेत्र में गौरवपर्ण संस्‍थान है । अखिल भारतीय रैगर छात्रावास जयपुर सर्वसुविधा युक्‍त छात्रावास है । रैगर छात्रावास, जयपुर के निर्माण में अब तक 1 करोड़ रूपये लग चुके हैं । यह रैगर जाति के विकास एवं गौरव का प्रतिक है । समाज की ये किमती धरोहरे आज हमारे लिए अनमोल धरोहरे है जिनका निर्माण समाज के लाखों करोड़ो रूपये खर्च होकर हुआ हमारा कृत्‍वय है कि हम इन्‍हें सालों साल सुरक्षित रखें ताकि आने वाली भावी पीढ़ि इनका सदउपयोग कर सके । इसलिए इन्‍हे सुव्‍यवस्थित, सुरक्षित एवं सुसज्जित रखना इनमें पढ़ रहे छात्र-छात्राओं व हमारा परम कृत्‍वय है । इनके बारे में समाज के बन्‍धुओं को जानकारी होना अत्‍यंत आवश्‍यक है हम यहां पर प्राप्‍त जानकारियों के आधार पर समाज के प्रमुख शिक्षण संस्‍थान व छात्रावास का संक्षिप्‍त विवरण प्रस्‍तुत कर रहे है |

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