सन् 1915 में अजमेरी गेट और डिलाईट सिनेमा क्षेत्र में आबाद परिवारों को हठाकर रैगर पुरा की अस्सी (80) गलियों में 50-58 गज क्षेत्र के प्लाट देकर बसाया गया, तथा कुछ परिवारों को नाईवाला जोशी रोड़ क्षेत्र से यहाँ पर बसाया गया । उन दिनों पानी के लिए कुओं पर ही निर्भर रहना पड़ता था । उन प्लाटों को बनाने और अपने उपयोग के लिए गली नम्बर 46 और 47 के अलाटियों ने अपने 2 प्लाट में आधा-आधा फुट जगह छोड़ कर कुए और उसकी सफाई के लिए चड़स के रस्से को खिचनें वाले बैलों के लिए स्थान दिया गया । गली नम्बर 46 का स्थान सफाई के उपयोग के अलावा वर्ष में एक बार शीतला माता के पूजन के लिए महिलाए उपयोग करती थी ।
सन् 1935 में दिल्ली नगर पालिका द्वारा क्षेत्र में पानी की लाईन बिछा देने की वजह से स्थानीय लोगों ने कुए की और ध्यान देना बन्द कर दिया क्योंकि कुए का उपयोग समाप्त सा हो गया लगभग 1936 के आस पास समाज के कुछ लोगों को विचार आया कि हम शीतला माता का पूजन गली के सिरों पर ना करके इस स्थान को शीतला माता का स्थान बना दिया जाए तब यहाँ के स्थानीय लागों ने एक बैठक करके उसमें यह निर्णय लिया कि यहां पर शीतला माता का के मन्दिर का निर्माण कार्य करवाना चाहिए । तब दोनों तीनों गलियों के मुख्य महानुभावों ने बस्ती के फण्ड से ही चबुतरा बनाकर श्री शीतलामाता की स्थापना कर दी तथा जैसे-जैसे गली का और फण्ड एकत्रित हुआ दानों ओर दीवार व दरवाजे लगा दिए गए । सन् 1935 में यहाँ पर मकानों के दरवाजों पर नगर पालिका की ओर से नम्बर दिए गए उसी समय यहाँ दरवाजें होने से उपरोक्त क्रम लिए जबकि कुएं का क्रम नहीं दिया गया क्योंकि वहाँ दरवाजा नहीं था ।
सन् 1945 में रैगर समाज के अन्य बुजुर्गों के सहयोग व परामर्श पर बस्ती के ही फण्ड से इसकी मरम्मत व परिवर्तन करते रहे । उसके पश्चात् रैगर स्वयं सेवक संध ने इसकी देखरेख प्रारम्भ की और जगदीश चान्दौलिया की दान राशि 2000/- रूपये के सहयोग से यहां भवन का निमार्ण और श्री शीतलामाता का मन्दिर बना । इस स्थान पर रैगर स्वयं सेवक संघ के अतिरिक्त रैगर अग्रगामी संयुक्त संध तथा कल्याण की गतिविधियां और सामाजिक कार्यक्रम संचालित होते रहे । जिनमें प्रमुख – श्री आत्माराम लक्ष्य जन्मौत्सव एवं शोभायात्रा, श्री लक्ष्य होम्यों चिकित्सा केन्द्र, जयपुर वृह्त प्रदर्शन का संचालन, श्री धर्मगुरू श्री श्री 1008 श्रद्धेय ज्ञानस्वरूप जी महाराज का जन्म शताब्दी समारोह प्रमुख है ।
तब से अब तक इस मन्दिर के भवन में कई बार परिवर्तन व परिवर्धन होते रहे हैं तथा अब समाज के सहयोग व श्री शिव नारायण सरसुनिया, श्री उमराव सिंह पिंगोलिया, श्री रामस्वरूप जाजोरिया, श्री भगवान दास नंगलिया तथा श्री यादराम कनवाड़िया के परिश्रम से वर्तमान में पुर्न निर्माण हुआ है ।
कार्यालय – श्री शीतला देवी कल्याण मन्दिर ट्रस्ट (पंजीकृत)
4739, हरध्यान सिंह रोड़, रैगर पुरा, करोल बाग, नर्इदिल्ली – 110005
(साभार- मुकेश गाडेगावलिया, सम्पादक रधुवंशी रक्षक पत्रिका)
157/1, Mayur Colony,
Sanjeet Naka, Mandsaur
Madhya Pradesh 458001
+91-999-333-8909
[email protected]
Mon – Sun
9:00A.M. – 9:00P.M.