यह त्रिवेणी रैगर धर्मशाला साईंवाड़ शाहपुर से 6 कि.मी. दूर सीकर खेतड़ी मार्ग पर स्थित है । इस मंदिर के संस्थापक स्वर्गीय स्वामी श्री माधोनाथजी महाराज थे । इसकी व्यवस्था एक ट्रस्ट द्वारा चलाई जाती है । स्वामी माधोनाथजी महाराज जब तक जीवित थे तब तक इस मंदिर का उत्सव प्रतिवर्ष मनाया जाता था । उन्होंने नियमित 20 वर्षों तक उत्सव मनाये । उनकी मृत्यु (दिसम्बर 1983) के बाद भी ट्रस्ट द्वारा वार्षिकोत्सव लगातार मनाया जाता है । स्वामी माधोनाथजी के स्वर्गवासी होने के बाद तीसरा महात्सव 26 मार्च, 1986 को मनाया गया जिसमें सत्संग और सम्मेलन आयोजित किए गए । इसमें सभी प्रदेशों के संत, महात्मा, भजनोपदेशक, कवि वगैरा आए थे । इसकी आमद, दान वगैरा से होती है । ट्रस्ट द्वारा संचालन होने से प्रतिवर्ष आय-व्यय की रिपोर्ट पेश होती है । यह रैगरों का बहुत प्राचीन और भव्य मंदिर है । समस्त्ा रैगर बंधुओं द्वारा निर्मित श्री त्रिवेणी गंगा मंदिर दर्शनीय है ।
(साभार- चन्दनमल नवल कृत ‘रैगर जाति : इतिहास एवं संस्कृति’)
157/1, Mayur Colony,
Sanjeet Naka, Mandsaur
Madhya Pradesh 458001
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