श्री सुरेन्दपाल रातावाल

श्री सुरेन्दपाल रातावाल

इतिहास उसका बनता हैं, जो औंरों के दिलों को अपनी सौरभ से सुवासित कर दे। जिसके रोम-रोम में विकास की धारा एवं प्रगतिशील विचारों का वास हो, वो शक्स हर दिल में राज करता है। कर्मठ, मधुरभाषी, निर्भीक, सहासी, देश भक्त एवं भारतीय संस्कृति के मूल्यों में सम्पूर्ण आस्था रखने वाले निर्भिक सहासी नेता श्री सुरेन्द्रपाल रातावाल का जन्म दिल्ली के करोल बाग में राजनैतिक चेतना एवं समाज सेवा की परम्परा वाले प्रतिष्ठित रैगर परिवार में हुआ। उन्हे सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन की स्वस्थ्य परम्परा अपने पिता जाने माने समाजसेवी एवं सार्वजनिक जीवन के प्रतिद्ध नेता स्व. बाबू गोपालकृष्ण रातावाल से प्राप्त हुई। आप दिल्ली रैगर समाज के प्रथम व्यक्ति है जो दिल्ली विधान सभा में श्रम, पर्यटन एवं अनुसूचित जाति जन जाति कल्याण विभाग के केबीनेट मंत्री रह कर रैगर समाज को गौरवान्वित किया तथा वर्तमान में करोल बाग विधायक के रुप में रैगर समाज का गौरव बढ़ा रहे है।

श्री रातावाल की प्रारंभिक शिक्षा गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ में हुई। उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक (बी.ए.) की डिग्री प्राप्त की। छात्र जीवन में ही श्री रातावाल छात्र कल्याण एवं सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हो चुके थे । वर्ष 1972-73 में आप अपनी प्रतिभा एवं व्यक्तित्व गुणों के कारण किरोड़ीमल कॉलेज (दिल्ली विश्व विद्यालय) छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए चुने जाने वाले प्रथम दलित छात्र नेता थे । पहले आप भारतीय युवा सघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी युवा मौर्चा के संयोजक पद की जिम्मेदारी को निभाते हुऐ श्री रातावाल ने करोल बाग क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन, दिल्ली पुलिस एवं नगर निगम से सदैव संघर्ष किया। कई शैक्षणिक संस्थाओं से भी जुड़े रहे । शिक्षा के क्षेत्र में आप सक्रिय रुप से भूमिका निभाई । जनता की नागरिक समस्याओं के निवारण के लिए जूझते हुए आप अनेक बार जेल भी गए । महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के विरुध भी अनेकों बार प्रदर्शन किये।

प्रखर मेघा के धनी एवं विलक्षण व विराट प्रतिभा संपन्न श्री रातावाल वर्ष 1985 से 1989 तक दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मंत्री रहे तथा 1989 से 1993 तक प्रदेश उपाध्यक्ष रहकर क्षेत्र की समस्याओं के लिए सघर्षशील रहे परिणाम स्वरुप आप सन् 1993 में करोल बाग के विधायक निर्वाचित होकर दिल्ली सरकार में मंत्री रहे । श्री रातावाल ने समाज कल्याण, अनुसूचित जाति/जन जाति कल्याण एवं पर्यटक जैसे जन कल्याण से संबंधित महत्वपूर्ण मंत्रालय का कार्यभार बड़े ही आत्म विश्वास से संभाला । आप मंत्री रहते हुए जनता से पूरी तरह जुड़े रहे व समस्याओं पर पूरा ध्यान दिया । इन्ही सेवाओं को मान्यता देते हुए क्षेत्र की जनता ने एक विशेष नागरिक समारोह में आपको करोल बाग रत्न की उपाधी से सम्मानित किया । आप अपने कार्यकाल में वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि व क्षय रोगियों के आर्थिक सहायता राशि 360 से बढ़ाकर 1200 रुपये वार्षिक की गई । विधवाओं को प्रति वर्ष 10000 हजार सहायता दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया । महिलाओं की उन्नति के लिए महिला विकास निगम की स्थापना। समाज के आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से पिछड़े अनुसूचित जातियों/जनजातियों के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए श्री रातावाल जी ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरु कर अपनी विशाल उदारता का परिचय दिया है । आपको 14 अप्रेल 2008 को अम्बेडकर जयन्ती के अवसर पर सर्वश्रेष्ठ विधायक का विशेष पुरस्कार से चौधरी प्रेमसिंह ने रातावाल को शॉल ओढ़ाकर सम्मानीत किया और दिल्ली के उपराज्यपाल महामहीम श्री तेजेन्द्र खना ने रातावाल को दिल्ली विधानसभा का मोमेन्टो प्रदान किया ओर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने दिल्ली विधानसभा का प्रशंसी पत्र एवं एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया । दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बुका देकर आपका सम्मान किया ।

श्री रातावालजी सन् 2003 पुनः करोल बाग के विधायक निवाचित हुए । आपके सामाजिक कार्य व मानव सेवा समर्पित भावनाओं को देखते दिल्ली विधानसभा में आपको नेता उप पतिपक्ष दिल्ली सरकार चुने गये । जो रैगर समाज के लिए गौरव की बात है । विराट व्यक्तित्व के धनी श्री रातावाल के हंसमुख स्वभान, मिलनसारिता, व उदार हृदय के आज भी हर जन कायल हैं । समाज सेवा, मानव सेवा में रुचि रखने वाले श्री रातावाल की इच्छा राजनैतिक क्षेत्र के माध्यम से हर वर्ग की सहायता व सहयोग के प्रति समर्पित रहना है ।

(साभार- गोविन्‍द जाटोलिया : सम्‍पादक ”रैगर ज्‍योति”)

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