समाज शब्द ‘सभ्य मानव जगत’ का सूक्ष्म स्वरूप एवं सार है । सभ्य का प्रथम अक्षर ‘स’ मानव का प्रथम अक्षर ‘मा’ जगत का प्रथम अक्षर ‘ज’ इन तीनों प्रथम अक्षरों के सम्मिश्रण से समाज शब्द की उत्पत्ति हुई, जो सभ्य...Read More
स्वैच्छिक रक्तदान एक ऐसा पुनीत सेवा कार्य है, जिसका कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि रक्तदान द्वारा किसी को नवजीवन देकर जो आत्मिक सुख प्राप्त होता है, उसका न तो मूल्यांकन...Read More