आज हम उस दौर की बात कर रहे है जिसमें डॉ. अम्बेडकर द्वारा प्रथम गोलमेज सम्मेलन 1930 में दिये गये भाषण की ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने प्रंशसा की तथा ’’ दी इंडियन डेली मेल ‘‘ ने डॉ. अम्बेडकर के भाषण को सम्पूर्ण सम्मेलन का सर्वोतम भाषण बताया तथा अंग्रेजी समाचार पत्रों ने भी डॉ. अम्बेडकर के भाषण को प्रमुखता से छापा था डॉ. अम्बेडकर के भाषण की खास विशेषता...Read More
आज हमें जो प्राप्त है जिसमें सर्वप्रथम शिक्षा, वह भी आरक्षण की देन है। जिसकी वजह से एक बच्चा स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में भर्ती होता है तभी तो वह डॉक्टर, इंजीनियर और वकील बनता है और उसके बाद उसे मिलती है सरकारी नौकरी, वो भी आरक्षण की वजह से, और फिर वही प्रक्रिया उसकी संतान के लिए प्रारम्भ हो जाती है। जिसकी वजह से समाज के वे व्यक्ति जिन्हें किसी...Read More
आज देश के दलित-आदिवासी संगठनो पर नजर डाले तो, आज देखेगें की इन संगठनों का महत्व नही के बराबर है। वे कौनसे कारण है कि यह संगठन ना तो, समाज को संगठित करने में सफल हुए, ना ही इनके अधिकारों की सुरक्षा देने में। आप इन संगठनो पर नजर डाले तो एक बात बहुत स्पष्ट नजर आती है कि इन सभी संगठनो की लीडरशिप पर ब्योरोक्रेट/नौकरशाहों का कब्जा हैं। सबसे...Read More
आप कहेगे की यह क्या कह रहें हैं, मैं ठीक कह रहा हूँ कि, आज जो समाज पिछड़ा हुआ है, उसके लिए कौन जिम्मेदार है और आखिर क्या कारण है?, जो समाज का विकास जितना होना चाहिये, उतना नही हो पाया है, इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराये ? इसे समझने के लिये घर से शुरूआत करनी होगी, क्योकि घर से परिवार और परिवार से समाज और समाज से देश बनता...Read More
राजनीति अर्थात् ऐसी नीति जो हमे राजा बना दे । भारत देश की शासन व्यवस्था लोकतांत्रिक है । जिसे नेता चलाते है, जिसके लिये किसी शैक्षिक योग्यता की जरूरत नही हैं । जबकि सरकार की नोकरी पाने के लिए योग्यता चाहिये । आज समाज कोई भी हो, समाज के प्रत्येक नागरिक की इच्छा होती है कि हमारे समाज के ज्यादा से ज्यादा सांसद, विधायक, प्रधान, सरपंच व पार्षद हो ।...Read More
आर्थिक सुधारों के पश्चात भी समाज के समक्ष अभी भी कई सामाजिक चुनौतियाँ है सामाजिक कुरीतियों, विकृतियों और अप्रांसगिक मान्यताओं के विरुद्ध जन जागरण अभियान…..