पहले आदमी शराब पीता है, फिर शराब, शराब को पीती है और अंत में शराब आदमी को निगलने लग जाती है। आज गाँवों, शहरों में उत्सव, शादी-ब्याह, जन्म-मरणोपरांत के समारोहों...Read More
छुट्टियाँ बिताने के लिये पूरे परिवार के साथ यात्रा में जाने का शौक भला किसे नहीं होता । घूमने जाने के नाम से बच्चे सबसे अधिक रोमांचित होते हैं पर...Read More
आलस्य मनुष्य का शत्रु है । मनुष्य स्वभाव में आलस्य का भाव स्वाभाविक रूप से रहता है । कर्तव्य कर्मो से जी चुराने का नाम आलस्य है । आलस्य ऐसा...Read More