हमारे जीवन मे ‘अनुशासन’ एक ऐसा गुण है, जिसकी आवश्यकता मानव जीवन में पग-पग पर पड़ती है। इसका प्रारम्भ जीवन में बचपन से ही होना चाहिये ओर यही से ही मानव के चरित्र का निर्माण हो सकता है । अनुशासन शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है – अनु, शास्, अन, । विशेष रूप से अपने ऊपर शासन करना तथा शासन के अनुसार अपने जीवन को चलाना ही अनुशासन है...Read More
स्वैच्छिक रक्तदान एक ऐसा पुनीत सेवा कार्य है, जिसका कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि रक्तदान द्वारा किसी को नवजीवन देकर जो आत्मिक सुख प्राप्त होता है, उसका न तो मूल्यांकन किया जा सकता है और न ही उसे शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है अर्थात् स्वैच्छिक रक्तदान ‘महादान’ है । जरा सोचें आज किसी को आपके रक्त की आवश्यकता है, संयोग से कल आपको किसी और के रक्त की...Read More
‘‘इन्टरनेट की दुनिया में रैगर समाज’’ जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि, हम क्या कहना चाह रहे हैं । बात जब विकास की हो तो, विकास मे तकनीकी और सामाजिक विकास, सभी शामिल आते हैं । तकनीकी और सामाजिक परिवेश में आज बदलाव का दौर चल रहा है । जिसके कारण आज सामाजिक विकास के साथ-साथ तकनीकी में भी तेजी से बदलाव आया है । दुनिया छोटी हो...Read More
गत दिनों अपने आपको राष्ट्रीय संस्था के रूप मे प्रचारित करने वाली महासभा के चुनाव सम्पन्न हुए। कहने को तो, राष्ट्रीय स्तर जबकि, वास्तविकता देखे तो, पता चलेगा कि संख्या की दृष्टि से, किसी कस्बे की संस्था लगती है तो आप कहेगे कैसे? आप ही देखिये की, भारत देश मे रैगर समाज की आबादी लगभग 35 से 40 लाख है जबकि, अपने आपको राष्ट्रीय स्तर की संस्था बताने वाली की...Read More
शंभूलाल रैगर ने जिस ‘हिंदू बहन’ को लवजिहाद से बचाने के लिए अफराजुल सरेआम मारकर जला दिया था, उससे खुद शंभूलाल रैगर के अवैध रिश्ते थे,और इन्हें छिपाने के लिए उसने अफराजुल मारकर जिंदा जला दिया था। शंभूलाल रैगर ने जिस हिंदू बहन को लव जिहाद से बचाने के लिए एक मुस्लिम व्यक्ति को सरेआम मारकर जला दिया था, उसी महिला से खुद शंभूलाल रैगर के अवैध रिश्ते थे, और...Read More
आर्थिक सुधारों के पश्चात भी समाज के समक्ष अभी भी कई सामाजिक चुनौतियाँ है सामाजिक कुरीतियों, विकृतियों और अप्रांसगिक मान्यताओं के विरुद्ध जन जागरण अभियान…..