संगठन गढे चलो सुपंथ पर बढे चलों । भला हो जिसमे कोम का वो काम सब करे चलों ।। युग के साथ मिलकर सब कदम मिलाना सिख लों । एकता के स्वर के गीत गुन गुनाना सिख लों ।। समाज के विकास के रास्ते पर सब साथ चले चलों । संगठन गढे चलो सुपंथ पर चढे चलों ।। भूलकर भी मुख में कभी बैर भाव का नाम ना हों...Read More
जल में थल में नील गगन में गुंजेगा जय गान। हमारी रैगर जाति महान्, हमारी रैगर जाति महान् ।। अटल रहेंगे हम जीवन भर, चाहे आये लाख मुसिबत आये । फर्क ना पडेगा हमको, चाहे हम रैगर जाति के लिये मर जाये ।। चूर-चूर कर देंगे हम दुशमन के अरमान । चमकाएंगे हम जाति को देकर निज बलिदान ।। जग मे कायर बनकर हमको नहीं सुहाता है । आज...Read More
जीवन में कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो । आगे आगे बढना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो ।। चलने वाला मंजिल पाता, बैठा पीछे रह जाता । ठहरा पानी सड जाता, बहता पानी निर्मल हो जाता ।। पॉव दिये चलने के खातिर, पॉव पसारे मत बैठो । आगे बढना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो ।। तेज दौडने वाला, कुछ देर खडा रह कर भी...Read More
जब सांझ ढले, जब दीप जले। रैगर ! मन के सहचर आ जाना। नन्हा तारा जब गगन पले। जब तम रजनी के प्राण छले। तब दुखी समाज को राह दिखाने। गुरु ज्ञान रवि किरण बन आ जाना। युवकों से छिन जब बल बहे। और सामाजिकता मंद-मंद चले। गुरु लक्ष्य सीख प्राण वायु बन जाना। जब सांझ ढले, जब दीप जले। रैगर मन कदम थामे, संभल जाना। अपना तन-मन आंदोलित...Read More
हमारी उम्मीदेँ खतम हो जाती जहाँ से । रिश्तों में दूरिया बढ़ जाती वहाँ से । रैगर समाज एकता के लिए, हमें एक मंच पर आना होगा । किसी को भी नहीं कह सकते, हमेशा के लिए अलविदा । सामाजिकता की यह नहीं संविदा । रैगर बंधु ! कुछ ऐसा कर जाए । समाज शिक्षित, संगठित बन जाए । मुलाकात के समय हाथ मिलाओ । ...Read More
आर्थिक सुधारों के पश्चात भी समाज के समक्ष अभी भी कई सामाजिक चुनौतियाँ है सामाजिक कुरीतियों, विकृतियों और अप्रांसगिक मान्यताओं के विरुद्ध जन जागरण अभियान…..