राजस्थानियों के मुँह, हमने सुनी कहानी थीखूब किया रैगर जाति का उद्धार, वह तो आत्माराम लक्ष्य ने ठानी थीग्राम-ग्राम ले जन जागृति सशाल, जीने का अर्थ समझाया थादेह, देवालय अलख का शुभ भक्ति मार्ग समझाया थाबहुजन, दलित शोषितों को उसने गले लगया थाराजस्थानियों के मुँह, हमने सुनी कहानी थीखूब किया रैगर जाति का उद्धार, वह तो आत्माराम लक्ष्य ने ठानी थीविद्या का मार्ग दिखाया, सारे हिन्दुस्तान मेंनई क्रान्ति का दीप...Read More
संकलित किये फुल चून-चून कर, आत्माराम लक्ष्य के सपूतों से । माला बनाई है फूल पिरोकर, बेवसाईट रूपी धागे से ।। जिसको पहनेंगे रैगर सपूत, वट वक्ष से फेले भारत में । जिसकी निकली है मजबूत जड़े, राजस्थान की माटी से ।। आओ हम सब मिल कर बनाये, दीपक की माटी का । उजाला होगा संजोने पर, अंधकार मिटेगा जाति का ।। याद दिलायेंगे गौरव, जाति के सपूत ।...Read More
आज जिसे देखो वहीं, कहता नज़र आता है कि “मैं अम्बेडकरवादी हूँ”। लेकिन क्या उसे ये पता होता है की “अम्बेडकरवाद” है क्या? किसी किसी को शायद ये बड़ी मुश्किल से पता होता है कि “अम्बेडकरवाद” असल में है क्या? अम्बेडकरवाद” किसी भी धर्म, जाति, रूढ़वादिता, अंधविश्वास, अज्ञानता,किसी भी प्रकार के भेदभाव या रंगभेद को नहीं मानता, अम्बेडकरवाद मानव को मानव से जोड़ने या मानव को मानवता के लिए बनाने...Read More
गरीबों के दर्द को वही समझ सकता है जिसने गरीबी देखी हो. जो खुद गरीबों के बीच में रहा हो वह ही गरीबों की समस्या को सही ढंग से समझ सकता है. एक इंसान किस तरह एक देश की तकदीर को संवारता है इसका उदाहरण है महापुरुष डॉ. भीम राव अम्बेडकर, जिनका बचपन बेहद गरीबी में बीता, उन्हें छोटी जाति से संबद्ध होने की वजह से समाज की उपेक्षा का...Read More
आर्थिक सुधारों के पश्चात भी समाज के समक्ष अभी भी कई सामाजिक चुनौतियाँ है सामाजिक कुरीतियों, विकृतियों और अप्रांसगिक मान्यताओं के विरुद्ध जन जागरण अभियान…..