September 2018

Month

प्रस्तावना: गुरु-शिष्य परंपरा सदियों से हमारे देश में चली आ रही है। गुरु शिष्य परम्परा के अंतर्गत गुरु अपने शिष्य को शिक्षा देता है। बाद में वही शिष्य गुरु के रुप में दूसरों को शिक्षा देता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। अब हम गुरु शब्द का अर्थ जानेंगे। ‘गु’ शब्द का अर्थ...
Read More
[vc_row type=”in_container” full_screen_row_position=”middle” scene_position=”center” text_color=”dark” text_align=”left” overlay_strength=”0.3″][vc_column column_padding=”no-extra-padding” column_padding_position=”all” background_color_opacity=”1″ background_hover_color_opacity=”1″ column_shadow=”none” width=”1/1″ tablet_text_alignment=”default” phone_text_alignment=”default” column_border_width=”none” column_border_style=”solid”][image_with_animation image_url=”4390″ alignment=”” animation=”Fade In” box_shadow=”none” max_width=”100%”][vc_column_text] नई दिल्ली:  राजस्थान के राजसमंद में मुस्लिम मज़दूर मोहम्मद अफराजुल को जिन्दा जलाने वाला शंभूलाल रैगर एक बार फिर चर्चा में है. नवनिर्माण सेना ने हत्यारोपी शंभूलाल रैगर को आगरा लोकसभा से अपनी पार्टी...
Read More
जनगणना के आंकड़े सही होते हैं। जरा आप आगे दिये गये 18 वीं सदी ईस्वी के जनगणना आंकड़ों पर विचार कीजिये। क्योंकि वो आंकड़े सामान्यवर्ग के अधिकारियों और प्रगणकों द्वारा एकत्रित किये गए थे, जिनमें जातिगत ऊँच-नीच की भावना पूर्णतया भरी हुए थी। अतः उनके विरुद्ध यह आरोप नहीं लगाया जा सकता है कि उनके द्वारा...
Read More
महात्मा बुद्ध को उनके अनुयायी ईश्वर में विश्वास न रखने वाला नास्तिक मानते हैं। इस सम्बन्ध में आर्यजगत के एक महान विद्वान पं. धर्मदेव विद्यामार्तण्ड अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “बौद्धमत एवं वैदिक धर्म” में लिखते हैं कि आजकल जो लोग अपने को बौद्धमत का अनुयायी कहते हैं उनमें बहुसंख्या ऐसे लोगों की है जो ईश्वर और...
Read More
माना जाता है कि भगवान गौतम बुद्ध की ज्ञान की खोज उस समय शुरू हुई जब उन्होंने एक ही दिन में तीन दृश्य देखे. पहला- एक रोगी व्यक्ति, दूसरा- एक वृद्ध और तीसरा- एक शव. जीवन का यह रूप देखकर हर तरह की सुख सुविधा से संपन्न जीवन को छोड़कर राजकुमार सिद्धार्थ गौतम जंगल की...
Read More
जल जीवन का अनमोल है रत्न  , इसे बचाने का करो जतन। जल जीवन का श्रोत है तथा जल ही जीवन है | पानी का महत्व दिनों -दिन बढ़ता जा रहा है क्योंकि पानी लगातार कम होता जा रहा है। धरती पर जितनी पानी की मात्रा है उस सब में से 1% पानी ही हमारे...
Read More
आज जिस प्रकार दुनियां आधुनिक रूप में बदल रही है, वहां शिक्षा का मतलब बढ़ता जा रहा है । ऐसा नहीं है कि आज विश्व के आधुनिक रूप में परिवर्तन होने के कारण शिक्षा के महत्व पर जोर दिया गया है , बल्कि प्राचीन समय से ही शिक्षा के महत्व को हमारे पूर्वजों ने स्वीकार किया...
Read More
घड़ी के बारे में तो सभी जानते ही होंगे की घड़ी किस उद्देश्य से बनाई गई है । वैसे तो घड़ी निर्माण कर्ता घड़ी को समय देखने के उद्देश्य से बनाया है जिससे कि सरलता से समय को मापा जा सके । पुराने समय में:- पुराने समय में दिन में समय देखने के लिए सूर्य...
Read More
आतंकवाद के कारण पूरा विश्व उबल रहा है। विश्व का कोई देश ऐसा नहीं जहां आतंकवाद न हो। भारत में आतंकवाद बहुत समय से है। मौका मिलने पर बेगुनाहों को मौत के घाट उतारने में आतंकवादियों का दिल नहीं पसीजता। आतंकवादी अपने कारनामो को सही साबित करने के लिए धर्म और बहावी विचारधारा की मदद...
Read More
बेरोजगारी का अर्थ है कार्य सक्षम होने के बावजूद एक व्यक्ति को उसकी आजीविका के लिए किसी रोज़गार का न मिलना| रोज़गार के अभाव में व्यक्ति मारा-मारा फिरता है| ऐसे में तमाम तरह के अवसाद उसे घेर लेते हैं, फिर तो न चाहते हुए भी कई बार वह ऐसा कदम उठा लेता है, जिनकी कानून...
Read More
1 2