Shiksha Margdarshi lekh

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स्‍वामी ज्ञान स्‍वरूपजी महाराज की एक घटना जो मैंने अपनी आँखों से देखा और कानों से सुना, मुझे आज भी याद है । हुआ यों कि एक दिन मेरा मुम्‍बई जाना हुआ । वहाँ मैं एक भाई को मिलने गया, उसी घर में स्‍वामी जी के दर्शन हो गये । उन्‍हें प्रणाम कर वहीं उनके...
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प्रश्न बड़ा विचित्र है लेकिन यह एक सच्चाई है, आज आप किसी भी बच्चे या युवा व्यक्ति से पूछे तो आपको इसका उत्‍तर तुरन्त ही मिल जायेगा । ऐसा क्यो हो रहा है कि चाहे कम पढ़ा लिखा व्यक्ति हो या बहुत विद्धान सभी को कोई ना कोई नोकरी ही चाहिये । प्रश्न बड़ा गम्भीर...
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यह संसार एक ऐसी घाटी है यहां जैसी आवाज मुख से निकालेगे वैसी ही आवाज गुंजते हुए लौटकर आपके कानों में सुनाई देगी । अच्छा करने से अच्छा होता है बुरा करने से बुरा होता है । आग लगाने वाले के बाग नही लगा करते, गिराने वाला कभी उन्नति को प्राप्त नही होता और अपनमान...
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वर्तमान परिस्थितियों पर गोर करे, तो कुछ ऐसा लगता है कि विकास तो हो रहा है लेकिन वो एक तरफा हो रहा है । आज दलित समाज का जो युवा पढ लिखकर तैयार हो रहा है वो चाहे आई. आई. टी., इंजिनियर हो या डॉक्टर, वकील या एम.सी.ए., एम.बी.ए., बी.एड धारी या अन्य शिक्षा प्राप्त...
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यह एक विचित्र प्रश्न है सभी बच्चे आज के समय में वही पढ रहे है उसी क्षेत्र मे जा रहे है जिस क्षेत्र में उनके सीनियर साथी जा चुके है या जा रहे है। यह बिन्दु बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बिन्दु केवल एक बच्चे का भविष्य तय नहीं करता है अपितु यह एक परिवार,...
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‘संगठन में शक्ति है ।’ इस मूल मंत्र को समझे और क्रियांवित करे । संगठन से बड़ी कोई शक्ति नहीं है । बिना संगठन के कोई भी देश व समाज सुचारू रूप से नहीं चल सकता है । संगठन ही समाज का दीपक है- संगठन ही शांति का खजाना है । संगठन ही सर्वोत्कृषष्ट शक्ति है...
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मानव एक सामाजिक प्राणी है । ‘प्राणी’ इस जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है ओर इस समाज के बिना उसका रहना कठिन ही नहीं असंभव है । माता-पिता, भाई-बहन, रिश्‍तेदारों आदि लोगों को मिलाकर ही इस समाज की रचना होती है । समाज के बिना मानव का पूर्ण रूप से विकास होना सम्भव ही नहीं...
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हमारे जीवन मे ‘अनुशासन’ एक ऐसा गुण है, जिसकी आवश्‍यकता मानव जीवन में पग-पग पर पड़ती है। इसका प्रारम्‍भ जीवन में बचपन से ही होना चाहिये ओर यही से ही मानव के चरित्र का निर्माण हो सकता है । अनुशासन शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है – अनु, शास्, अन, । विशेष रूप से...
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