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आतंकवाद के कारण पूरा विश्व उबल रहा है। विश्व का कोई देश ऐसा नहीं जहां आतंकवाद न हो। भारत में आतंकवाद बहुत समय से है। मौका मिलने पर बेगुनाहों को मौत के घाट उतारने में आतंकवादियों का दिल नहीं पसीजता। आतंकवादी अपने कारनामो को सही साबित करने के लिए धर्म और बहावी विचारधारा की मदद...
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बेरोजगारी का अर्थ है कार्य सक्षम होने के बावजूद एक व्यक्ति को उसकी आजीविका के लिए किसी रोज़गार का न मिलना| रोज़गार के अभाव में व्यक्ति मारा-मारा फिरता है| ऐसे में तमाम तरह के अवसाद उसे घेर लेते हैं, फिर तो न चाहते हुए भी कई बार वह ऐसा कदम उठा लेता है, जिनकी कानून...
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भूमिका : पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व , आदमी और औरत दोनों की समान भागीदारी के बिना संभव नहीं होता है। दोनों ही पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व के साथ-साथ किसी भी देश के विकास के लिए समान रूप से जिम्मेदार है। महिलाएं पुरुषों से अधिक महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि महिलाओं के बिना मानव...
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धरती पर हरेक इंसान के द्वारा सड़क सुरक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहिये चाहे वो वाहन का इस्तेमाल करता हो या नहीं। बड़ों के मार्गदर्शन की कमी के कारण सड़क हादसों, छोटी चोट या बड़ी चोटें यहाँ तक की मृत्यु की ओर बच्चे और विद्यार्थी सबसे कमजोर समूह हैं। उनके शुरुआती समय में सड़क सुरक्षा...
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महिला सशक्तिकरण क्या है ? महिला सशक्तिकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाएँ शक्तिशाली बनती है जिससे वो अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिये...
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बाल मजदूरी की समस्या समय के साथ साथ बहुत उग्र रूप लेती जा रही है। इस समस्या को अगर समय रहते जड़ से मिटाया नहीं गया तो इससे पुरे देश का भविष्य संकट में आ सकता है। बाल मजदूरी को जड़ से ख़तम करने के लिए क्या ठोस कदम उठाने चाहिए। यहापर निचे बहुत आसान...
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भारत में कन्या भ्रूण हत्या एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है जिसे स्कूल शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को उनकी परीक्षा के दौरान पूरा निबंध अथवा एक या दो पैराग्राफ लिखने के लिये दिया जा सकता है। भारत में कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध लेखन और कुछ पैराग्राफ यहाँ दिये गये हैं। दिये गये सभी निबंध और पैराग्राफ...
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भारत एक विशाल देश है । क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से यह दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश है । जनसंख्या के हिसाब से इसका स्थान संसार में दूसरा है । हमारा देश दुनिया के विकासशील देशों की श्रेणी में आता है । यह तीव्र गति से विकासमान है । इक्कीसवीं सदी में भारत विकसित राष्ट्रों...
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प्राचीन काल से ही भारत को सोने की चिड़िया, विश्वगुरु जैसे उपनामों की संज्ञा दी जाती थी लेकिन बदलते दौर खुद के मनमाने तरीके से विकास को लेकर जिस प्रकार लोगो के चरित्र का नैतिक पतन हुआ है उसके चलते हमारे देश में सर्वाधिक भ्रष्टाचार का ही विकास हुआ है भ्रष्टाचार  एक ऐसा शब्द जिसके...
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मानव एक सामाजिक प्राणी है। ‘प्राणी’ इस जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है ओर इस समाज के बिना उसका रहना कठिन ही नहीं असंभव है। माता-पिता, भाई-बहन, रिश्‍तेदारों आदि लोगों को मिलाकर ही इस समाज की रचना होती है। समाज के बिना मानव का पूर्ण रूप से विकास होना सम्भव ही नहीं है। इसलिए मानव...
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